Skip to main content

आयुष कुमार सोनी के बचपन की कहानियां हिंदी भाषा में पढ़िए


मेरा नाम आयुष कुमार सोनी है मेरे पिताजी का नाम श्री राजू लाल सोनी एवं माता जी का नाम श्रीमती चित्रलेखा सोनी है मेरा जन्म छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर नामक शहर में हुआ है मेरी मम्मी ने मुझे बताया है कि मेरा नाम आयुष कुमार सोनी मेरी बड़ी मम्मी ने रखा है जो कि अभी बिलासपुर में रहती है मुझे अपना यह नाम आयुष कुमार सोनी बहुत ज्यादा पसंद है जब भी मुझे कोई इस नाम से पुकारता है तो मुझे बहुत आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है वैसे तो मुझे घर में सभी लोग अन्य नाम से भी बुलाते हैं परंतु मुझे आयुष कुमार सोनी है यह नाम बहुत ज्यादा पसंद है इस नाम को रखने का पूरा-पूरा श्रेय मेरी बड़ी मम्मी श्रीमती पुष्पा सोनी को जाता है अब मैं अपनी बचपन की शरारत के बारे में कुछ जानकारियां आप सभी लोगों को देना चाहता हूं आप मेरे शरारती बचपन के बारे में इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मुझे बचपन में आम खाना बहुत ही पसंद था जैसा कि सभी लोगों को बचपन में आम खाना बहुत ज्यादा पसंद होता है परंतु मैं अपने गांव के और दूसरे के गांव के भी आमों के पेड़ पर चढ़कर आमों को तोड़ता था और लोगों के मना करने के बावजूद भी मैं आम को जरूर तोड़ता था और उसे नमक मिर्च लगाकर खाता भी था एक मजेदार किस्सा मैं आप सभी लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं मुझे बचपन में धनुष बाण बनाने का एवं चलाने का काफी ज्यादा शौक था मैं अपनी मम्मी को इसे बनाने के लिए काफी तंग भी किया करता था तो मम्मी जब मेरे लिए धनुष बाण बनाती थी तो मैं अपनी मम्मी से देखते देखते ही धनुष भी बनाना सीख लिया फिर बाण मैंने बनाना सीख लिया जब यह धनुष बाण पूरी तरह बनकर तैयार हो गया तो मैं इसे चलाने के लिए घर से बाहर निकला अब मैं अपनी शरारत में उतर गया मैंने क्या किया अभी से दिलचस्प बात शुरू होती है और खतरनाक बात भी शुरू हो जाती है हमारे घर के पड़ोस में एक वृद्ध दादा रहते थे वृद्ध दादा के पास मैंने बनाया गया धनुष बाण को लेकर गया उन्हें दिखाने के लिए और जल्दी जल्दी में मैंने इस धनुष बाण को सीधे दादा के ऊपर ही चला दिया जिससे कि उनके दाएं आंख के नीचे बाण के प्रहार से उनके दाएं आंख के निचले हिस्से को काफी चोट पहुंची और उनसे खून भी बहने लगा अब आप सोच सकते हैं कि मैं बचपन में कितना शरारती था इतना शरारती था मैं की यदि मैं आपको अपने बचपन के किस्से सुनाने लग जाऊं तो एक पूरी बुक बन सकती है मेरे बचपन की शरारत के ऊपर जब दादाजी के आंखों के नीचे चोट लगी तो मम्मी ने देखा तो मुझे बहुत डांट लगाई मैंने उस समय मम्मी के हाथों से मार भी खाया था बचपन में तो मैं पापा और मम्मी दोनों के हाथ से बहुत ज्यादा मार खाते आया हूं अब कौन है सा बच्चा होगा जो मम्मी पापा के हाथों से मार नहीं खाया होगा सभी खाते हैं बचपन के दिन ही ऐसे होते हैं अब आप इन बातों से अंदाजा लगा ही सकते हैं कि मैं बचपन में कितना शरारती बालक रहा था मेरा बचपन ऐसे ही विभिन्न खतरनाक शरारती कहानियां से भरा रहा है मैंने अपने बचपन में बहुत मस्ती की है बहुत शरारती बालक रहा हूं मैं मैं कभी भी एक जगह टिकता ही नहीं था हमेशा इधर से उधर घूमता रहता था गर्मी के दिनों में धूप में घूमता था और न जाने क्या-क्या करता था मुझे अच्छे से याद है जब मैं छोटा था तो मशीनों के साथ बहुत ज्यादा खेलता था किसी भी मशीन को तोड़ मरोड़ कर उसका उसके सारे पार्ट्स को अलग कर देता था और सोचता था कि यह सब क्या काम आते होंगे अब जब हम बड़े हो गए हैं तब तब हमें पता चल गया है कि यह सब मशीनों के पार्ट्स क्या किस काम में आते हैं काश मेरा बचपन फिर से लौट आता तो कितना अच्छा होता है पर यह नहीं हो सकता है अब यदि भविष्य में हम समय यात्रा करेंगे तो मैं अपने बचपन में जाना चाहूंगा अर्थात अपने अतीत में जाना चाहूंगा अब मैं आपको अपनी शिक्षा के बारे में संक्षेप में जानकारी देना चाहता हूं मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कक्षा पहली से आठवीं तक ग्राम जामगांव में स्थित महामाया पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है जो कि एक प्राइवेट स्कूल है वहां से फिर मैंने अपनी आगे की पढ़ाई कक्षा 9 वीं से कक्षा कक्षा बारहवीं की पढ़ाई की मैंने ग्राम जामगांव एम में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्राम जामगांव एम से प्राप्त किया है और मैंने अपनी उच्च शिक्षा बी.एस.सी (स्नातक) भौतिक शास्त्र रसायन शास्त्र और गणित (PCM) में हेमचंद यादव दुर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालय शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय उतई दुर्ग छत्तीसगढ़ से प्राप्त किया है बताना चाहूंगा कि जब मैं कक्षा आठवीं में पढ़ता था या कहूं कि जब मैं पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ा हूं इस दौरान मेरी पढ़ाई में कोई विशेष रूचि नहीं रहती थी मैं हमेशा शैतान बालक की तरह इधर-उधर घूमता रहता था परंतु जैसे ही मैं कक्षा 9वी में गया पढ़ाई करने लग गया धीरे-धीरे कक्षा बारहवीं तक गणित एवं विज्ञान विषय में विशेष रूचि होने लग गई और जब कुछ उच्च शिक्षा के लिए उतई कॉलेज गया तो वहां पर (आदरणीय संदीप सोनी जी) जो कि वहां के भौतिक शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं उतई महाविद्यालय के उनसे मैंने भौतिक शास्त्र सीखा अब मेरी विशेष रुचि भौतिक शास्त्र में है अगर कहूं सरल शब्दों में कहूं तो मेरी विशेष रूचि गणित एवं विज्ञान विषयों में ज्यादातर रहती है क्योंकि मैं शुरू से विज्ञान विषय से जुड़ा रहा हूं हालांकि मुझे सभी विषय बहुत अच्छे लगते हैं परंतु यदि विशेष विषय की बात की जावे तो मुझे भौतिक शास्त्र बहुत ज्यादा पसंद है और इसी विषय को लेकर मैं आगे अपना कैरियर बनाना चाहता चाहता हूं अभी मैंने बी.एस.सी (स्नातक) की पढ़ाई उतई कॉलेज से पूर्ण कर ली है अभी वर्तमान में में शिक्षा कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं अभी प्रिज्म स्कूल ऑफ एजुकेशन महकाखुर्द उतई दुर्ग (छत्तीसगढ़) से B.Ed की पढ़ाई कर रहा हूं यह 2 वर्षों का कार्यक्रम होता है फिर इसके बाद मैंने सोचा है कि मैं PG (M.SC) स्नातकोत्तर की उपाधि लूंगा भौतिक शास्त्र में फिर इसके बाद डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की सर्वश्रेष्ठ उपाधि भी प्राप्त करूंगा यह भी मैं भौतिक शास्त्र में प्राप्त करना चाहता हूं इस प्रकार मैंने आपको अपनी शैक्षिक कार्यक्रम के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की मुझे यह बताना आवश्यक है कि मैं एक गरीब परिवार का व्यक्ति हूं मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ है और मेरे माता पिता ही मेरे भगवान हैं एक छोटी सी बहन भी है जिसका नाम पलक सोनी है आशा करता हूं कि आप सभी लोगों को मेरे द्वारा दी गई है छोटी सी जानकारी पसंद आई होगी इस जानकारी को आप सभी लोग जरुर पढ़ेंगे और यदि 
मुझसे कोई गलती हो गई हो तो मैं उसके लिए आप सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं मैं इस जानकारी को अपने ऑफिशियल यूट्यूब चैनल के About  सेक्शन में भी अपलोड कर रहा हूं आप आप वहां से इस जानकारी को पढ़ सकते हैं

🙏 जय मां काली 🙏

आपको यह पोस्ट कैसा लगा आप हमें जरूर बताइए

नाम - आयुष कुमार सोनी 
मोबाइल नंबर - 9669805462
ईमेल - ayushtarra@gmail.com
वेबसाइट - aayushkumar7.blogspot.com

Comments

Ayush Kumar Soni Contact Number - 9669805462 (Whatsapp) And My Official Email - ayushtarra@gmail.com

Physics 91th Difficult Question From 03/05/2022 By Ayush Kumar Soni (MOST DIFFICULT PUZZLE)

🙏 जय मां काली 🙏 आपको यह पोस्ट कैसा लगा आप हमें जरूर बताइए नाम - आयुष कुमार सोनी  मोबाइल नंबर - 7869021633/9669805462 ईमेल - ayushtarra@gmail.com वेबसाइट - aayushkumar7.blogspot.com

प्रिज्म कॉलेज महकाखुर्द के B.Ed तृतीय सेमेस्टर के नियमित विद्यार्थी आयुष कुमार सोनी को उत्कृष्ट छात्र अध्यापक का सम्मान अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा डॉ.चरणदास महंत के हाथों

Ayush Kumar Soni Picture With Most Respected Principal Mam Of Prism Scool Of Education Mahkakhurd Dr. Anjana Sharad Mam See Picture