जैसे की हम सबको विधित है केंद्र सरकार ने हाल ही में जुलाई 2020 में नई शिक्षा नीति की घोषणा की है। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है जिस प्रकार परिवर्तन ही संसार का नियम है चाहे व प्राकृतिक हो या हमारे द्वारा किया गया हो हमें उसके अनुरूप ढलना ही पड़ता है सर्वप्रथम शिक्षा नीति 1968 में लागू की गई थी जो कि 18 वर्ष तक चली। जिसके बाद सन 1986 में दूसरी शिक्षा नीति कि घोषणा हुई जिसमें कई नए बदलाव हुए और और जिसको विद्यार्थियों के अनुरूप तैयार किया गया तत्पश्चात सन 1992 में इसमें कुछ सामान्य बदलाव और किए गए थे लगातार 34 वर्षों तक चली इस शिक्षा नीति का फार्मूला 10 + 2 था जिसके अंतर्गत 12 वी तक विद्यार्थियों पर मुख्य ध्यान देना था हाल ही में (NEP) न्यू एजुकेशन पॉलिसी को 5 + 3 + 3 + 4 का फार्मूला दिया गया है जो की इसरो के अध्यक्ष कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में तैयार की गई है न्यू एजुकेशन पॉलिसी को तैयार करने के दौरान हर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा गया है। नए नियम के लाभ और नुकसान पर चर्चा की गई है। इसे तैयार किया जाने के दौरान गांवों और छोटे कस्बों पर भी मुख्य जोर दिया गया है अगर 5 + 3 + 3 + 4 फार्मूले की बात करें तो इसके अंतर्गत 5 में से पहले 3 वर्ष खेलकूद व बाकी 2 वर्ष पहली व दूसरी कक्षा से संबंधित है। अगले 3 वर्ष पांचवी तक फिर अगले 3 वर्ष आठवीं तक और अगले 4 वर्ष आठवीं से बारहवीं तक संबंधित है यदि नई शिक्षा नीति के फायदे और नुकसान की बात करें तो जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं उसी अनुरूप इसके भी फायदे और नुकसान दोनों हैं।
शिक्षकों के लिए अब बी एंड की डिग्री अनिवार्य कर दिए गए हैं और अब शिक्षकों को भर्ती करने से पहले ट्रेनिंग भी दी जाएगी विद्यार्थियों के लिए अब दसवीं कक्षा पश्चात चुनी जाने वाली stream को खत्म कर दिया गया है। अब आने वाले समय से छात्र अपना मनपसंद विषय चुन सकते हैं और अपने अनुसार multiple विषयों का चुनाव कर सकते हैं जिन्हें वे पढ़ना पसंद करते हो कॉलेज स्तर पर graduation के system मैं बड़ा बदलाव किया गया है। अब हर साल का अलग-अलग प्रमाण पत्र छात्रों को दिया जाएगा। स्कूली शिक्षा के दौरान अब पांचवी कक्षा के पश्चात से ही एक विदेशी भाषा को भी शामिल किया जाएगा जो कि भविष्य में विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक होगी उच्च शिक्षा के लिए कुछ बड़ी संस्थाओं का विकास किया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा के, फीस के, चाहे किसी भी मामले में सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप चलना होगा अगर नयी शिक्षा नीति के लागू होने की बात करें तो यह बहुत जल्द लागू हो सकती हैं और भारतीय शिक्षा में एक नया मोड़ आ सकता है जिस प्रकार किसी राष्ट्र, राज्य या क्षेत्र भिन्न व्यक्तियों के लिए शिक्षा आवश्यक है। उससे ज्यादा शायद कुछ मायने नहीं है। शिक्षा ही है जो किसी व्यक्ति को अपने जीवन में आगे बढ़ाते हैं एक नया रास्ता प्रदान करती हैं। और मानसिक रूप से तैयार करती हैं किसी देश के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे ज्यादा इसकी देखरेख इसके अंतर्गत आने वाली संस्थाओं की कार्यप्रणाली के लिए एक नीति की आवश्यकता पड़ती है अब छठी कक्षा से विद्यार्थियों के लिए coding का विषय भी लागू किया जाएगा। क्योंकि वर्तमान दोर और आने वाले समय में इसकी बहुत मांग होने वाली है विद्यार्थियों को कोडिंग सिखाई जाएगी।
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मेरा नाम आयुष कुमार सोनी है मैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम तर्रा का निवासी हूं मैंने अपनी उच्च शिक्षा B.Sc (PCM) शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय उतई दुर्ग छत्तीसगढ़ से प्राप्त की है एवं मैं अभी वर्तमान में प्रिज्म स्कूल ऑफ एजुकेशन महकाखुर्द में B.Ed (प्रथम सेमेस्टर) का नियमित छात्र हूं | मुझे पढ़ाई करना, किताबें पढ़ना करना एवं फुटबॉल खेलना इत्यादि कार्यों में विशेष रुचि है |